दिल जो कहे
Sunday, June 27, 2010
शायरी
सुकून नहीं मिलता एक गर्दिश-ऐ-जहाँ में,
तन्हाईयोमे भी यादो की भीड़ लगी रहेती है,
जर,जोरू,जमीन की जद्दोजहेत में मशरूफ है आदमी,
इंसान बनने के लिए वक़्त की कमी रहेती है,
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