दिल जो कहे
Sunday, June 27, 2010
शायरी
लाखों में खुबसूरत आप थी, आपको ही पाने एक आस थी,
वोह आस भी टूट गयी, अब तो बस आपकी याद है,
याद क्यों आती है आपकी ? खुदा से यही फ़रियाद है.
शायरी
फुर्सद नहीं है फिर भी थोडा सा वक़्त निकल लेते है,
दिल में गमों के जाम भरे है आँखों से उन्हें छलका देते है.
शायरी
तारुख अगर जिंदगी से करे तो जवाब उसका मौत होगा,
परवाना जो शमा से मिले तो अंजाम उसका मौत होगा,
गुझादिलो के लिए पैगाम-ऐ-जंग भी मौत होगा,
जांबाजों के लिए मकसद-ऐ-करम ही मौत होगा...
शायरी
सुकून नहीं मिलता एक गर्दिश-ऐ-जहाँ में,
तन्हाईयोमे भी यादो की भीड़ लगी रहेती है,
जर,जोरू,जमीन की जद्दोजहेत में मशरूफ है आदमी,
इंसान बनने के लिए वक़्त की कमी रहेती है,
शायरी
"तेरी आँखों के जरिये दिल में उतरना चाहते थे हम,
तेरी जुल्फों की रेशमी छाव में सोना चाहते थे हम,
हमको जलाया तेरी बेरुखी ने वरना,
तेरी मोहाब्बत की आग में जलना चाहते थे हम"
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